Problems of Indian farmers

Problems of Indian farmers

भारत दुनिया के सबसे बड़े कृषि प्रधान देशों में से एक है और भारतीय कृषि व्यवसाय देश की आर्थिक विकास की ओर महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसलिए, भारतीय किसानों की समस्याओं को हल करना देश के लिए बहुत आवश्यक है। यहां हम भारतीय किसानों की प्रमुख समस्याओं पर चर्चा करेंगे।

1. मध्यम और छोटे आकार के खेती के लिए कम वित्तीय संसाधन

भारत में अधिकांश किसान छोटे और मध्यम आकार के खेती करते हैं जिनके पास अपने खेतों के लिए कम से कम वित्तीय संसाधन होते हैं। इसलिए, वे उन्नत तकनीकों का उपयोग नहीं कर पाते जो उनके उत्पादकता को और बढ़ा सकते हैं।

2. अच्छे बीज 

अच्छी फसल के लिए अच्छे बीजों का होना बेहद जरूरी है। लेकिन सही वितरण तंत्र न होने के चलते छोटे किसानों की पहुंच में ये महंगे और अच्छे बीज नहीं होते हैं। इसके चलते इन्हें कोई लाभ नहीं मिलता और फसल की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

3. संतुलित खेती के अभाव 

बहुत से किसान एक ही फसल की खेती करते हैं जो समय-समय पर उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है। इसके अलावा, संतुलित खेती के लिए सही जमीन की उपलब्धता कम होने के कारण, यह समस्या और भी अधिक होती है।

4. उपयुक्त मूल्य 

किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलता है जिससे उन्हें उनके खेती से उचित लाभ नहीं हो पाता है। बाजार विवेचन के अभाव के कारण, उन्हें मार्केट प्राइस से कम मूल्य मिलता है।

5. कृषि सहायता व आर्थिक सहायता के अभाव

किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और सहायता के बारे में सही जानकारी नहीं होती जिससे वे उनके लाभ का हिस्सा नहीं बन पाते। उन्हें आर्थिक सहायता की भी आवश्यकता होती है जो उनकी खेती में नुकसान को दूर करती है।

6. जलवायु परिवर्तन 

वर्तमान में भारत में जलवायु परिवर्तन के कारण सूखा और बाढ़ की समस्या होती है जो खेती को प्रभावित करती है। किसानों को उन्नत तकनीकों और जल संचय तंत्रों का उपयोग करना अत्यावश्यक होगा।

7. ध्यान कमी और सरकार की उपेक्षा

भारतीय किसानों को समस्या से जूझने में मुश्किल होती है क्योंकि सरकार द्वारा उनकी आवश्यकताओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है। बहुत से किसान धारिक नहीं होते हैं जो उन्हें सरकारी सहायता का हिस्सा नहीं बनाते हैं।

8. भूमि के अधिकार 

बहुत से किसानों को उनकी खेती करने के लिए अपनी जमीन की समस्या से जूझनी पड़ती है। उन्हें अपनी जमीन के अधिकार के बारे में सही जानकारी नहीं होती, जिससे वे अपने अधिकारों का भुगतान नहीं कर पाते हैं।

9. फसल पर सही मूल्य

बहुत से किसान अपनी फसलों को बेचने में मुश्किलों का सामना करते हैं। अक्सर उन्हें मंडी में सही मूल्य नहीं मिलता है जिससे उन्हें उचित लाभ नहीं होता है।

10. सिंचाई व्यवस्था

बहुत से किसानों को सिंचाई व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बारिश के कम होने के कारण या सिंचाई व्यवस्था के अभाव के कारण उनकी फसलों को नुकसान हो जाता है। जिसकी वजह से कर्ज लिया हुआ किसान और कर्ज में डूब जाता है।

11. परिवहन भी एक बाधा

भारतीय कृषि की तरक्की में एक बड़ी बाधा अच्छी परिवहन व्यवस्था की कमी भी है। आज भी देश के कई गांव और केंद्र ऐसे हैं जो बाजारों और शहरों से नहीं जुड़े हैं। वहीं कुछ सड़कों पर मौसम का भी खासा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में, किसान स्थानीय बाजारों में ही कम मूल्य पर सामान बेच देते हैं। कृषि क्षेत्र को इस समस्या से उबारने के लिए बड़ी धनराशि के साथ-साथ मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता भी चाहिए।

उत्तर प्रदेश बजट 2023 – 2024 पर प्रतिक्रिया – Rashtriya Kisan manch

उत्तर प्रदेश बजट 2023 – 2024 पर प्रतिक्रिया – Rashtriya Kisan manch

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2023 – 2024 बजट पेश किया गया है जिसमे हर साल की तरह रूपए तो बढ़ गए हैं लेकिन किसानों और गरीबों की दशा नहीं सुधर रही। आखिर ये पैसे जा कहाँ रहे हैं ? बड़ी बड़ी headline बन रही हैं जो की सिर्फ टीवी में दिखती हैं, जमीनी स्टार से इनका कोई लेना देना नहीं है।

राज्य सरकार और देश पर कर्जा बढ़ता ही जा रहा है और सरकार अपना बजट बढाकर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रही है। सरकार बताये की अभी तक कितने रुपये, कहाँ खर्च किये गए और उसका जमीनी स्तर पर क्या प्रभाव पड़ा है?

किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीती

किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीती की जा रही है, कृषि यंत्र और उसके नवीनीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये आवंटित किये गए हैं लेकिन उसका लाभ इक्का दुक्का किसानों को ही मिला है। आखिर कब तक किसान ऐसे ठगा जाता रहेगा, किसान शांत है उसका यह बिलकुल मतलब नहीं है की वह अपनी हक़ के लिए आवाज़ नहीं उठा सकता। किसानों का देश के विकास में क्या महत्त्व है वह किसी से छुपा नहीं है, जरुरत है तो सर्फ उनकी एकजुटता की, फिर कोई सरकार किसानों की अनदेखी की हिमाकत भी नहीं कर सकता है।

राष्ट्रीय किसान मंच की जरुरत

देश के किसानों को अभी जरुरत है राष्ट्रीय किसान मंच संगठन की जो उनकी आवाज़ राज्य एवं केंद्र सरकार तक उठा सके। राष्ट्रीय किसान मंच सदैव किसानों की आवाज़ उठाने एवं उनके हक़ की बात करने के लिए तत्पर है।

अध्यक्ष की मौजूदा बजट पर प्रतिक्रिया

किसानों का राजनैतिक संवाद | राष्ट्रीय किसान मंच | रायबरेली

किसानों का राजनैतिक संवाद | राष्ट्रीय किसान मंच | रायबरेली

राष्ट्रीय किसान मंच के तत्वाधान में आयोजित किसानों का राजनैतिक संवाद कार्यक्रम रायबरेली जिले के महाराजगंज तहसील के ठाकुरपुर कैड़ावा गांव में संपन्न हुआ। जिस कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत करते हुए संगठन के अनुशासन समिति के अध्यक्ष श्री लाल बहादुर सिंह जी ने कहा कि मौजूदा समय में वर्तमान सरकार का रवैया किसानों के प्रति उदासीन है व आए दिन प्रदेश में सरकारी महकमे के अधिकांश दफ्तरों में घूसखोरी व किसानों की अनसुनी हो रही है जिस वजह से अब समय आ गया है कि किसानों को सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई में सहभागी होना पड़ेगा।

संगठन के राष्ट्रीय महासचिव ओपी यादव ने कहा कि अतीत में सभी सरकारों ने किसानों के लिए बहुत सारे कार्य किए किंतु कुछ बुनियादी कार्य अभी भी आवश्यकता से बहुत कम हैं जिनकी सुध मौजूदा सरकार को जरूर लेनी चाहिए साथ ही उन्होंने कहा कि गत वर्ष देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए जिसमें पंजाब के नतीजे देश को चौंकाने वाले नतीजे रहे। पंजाब में आम आदमी पार्टी रिकॉर्ड सीटों के साथ सत्ता हासिल करने में कामयाब रही तथा मान साहब के नेतृत्व में पंजाब प्रगति कर रहा है ! तो वहीं देश के विभिन्न राज्यों में किसान नौजवान आम आदमी पार्टी की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे हैं व पार्टी दिन-प्रतिदिन किसानों नौजवानों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है ।

विदित हो कि उपरोक्त कार्यक्रम में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नगर निकाय चुनाव लखनऊ के प्रभारी पं० शेखर दीक्षित जी को कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होना था किंतु कुछ राजनीतिक कारणों से अध्यक्ष जी कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके।

उपरोक्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ० राम सागर रावत जी, राम लखन , बाबूलाल लोधी राजेश कुमार और प्रदेश संगठन मंत्री डॉ विजय रावत सहित क्षेत्र के तमाम गणमान्य किसान मौजूद रहे और कार्यक्रम का सफल संचालन पं० आशीष मिश्रा ने किया ।

मुख्य अतिथि – मा० पं० शेखर दीक्षित जी
राष्ट्रीय अध्यक्ष
राष्ट्रीय किसान मंच

गरिमामयी उपस्थिति –
श्री ओपी यादव
राष्ट्रीय महासचिव
राष्ट्रीय किसान मंच
संजय द्विवेदी
संगठन मंत्री
श्री लाल बहादुर सिंह
अध्यक्ष अनुशासन समिति
अरुण कुमार बाबा
अध्यक्ष अवध
पं० वेद प्रकाश बाजपेई
महासचिव अवध
सर्वेश पाल
प्रदेश उपाध्यक्ष अवध

कार्यक्रम स्थल – ठाकुरपुर कैड़वा पोस्ट – मऊ गरवी थाना व तहसील महाराजगंज जनपद रायबरेली
आयोजक- डॉ० रामसागर रावत व बाबूलाल लोधी


प्रतिलिपि-
1.श्रीमान क्षेत्राधिकारी महोदय – महाराजगंज
2.श्रीमान क्षेत्रीय अभिसूचना इकाई (L.I.U.)

सरकार ने किया किसानों का शोषण

सरकार ने किया किसानों का शोषण

राष्ट्रीय किसान मंच के अधिवेशन में सर्व सम्मति से राजनैतिक भागीदारी का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय पर सर्व सम्मति से अधिवेशन में उमड़े भारी संख्या में पहुंचे किसानों ने अपनी सहमति दर्ज कराई है। रवीन्द्रालय में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. शेखर दीक्षित एवं संचालन महासचिव ओपी यादव ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्य सभा सांसद आम आदमी पार्टी संजय सिंह ने कहा कि वर्तमान में केन्द्र में जो सरकार विद्यमान है उसने हर संवर्ग के साथ विश्वास घात किया है। किसान, बेरोजगार, मजदूर, नौकरीपेशा सभी वर्ग के लोग इस सरकार से परेशान हेै। सरकार के लोग अगर भ्रष्टाचार करते रहेगें तो हमे उनकी सफाई करने के लिए आगे होना चाहिए। सड़क और सांसद को जिन्दा रखना होगा। अब समय आ गया कि किसान सरकार से सवाल पूछे, खजाने से अपना हक मांगे।

प्रतिदिन 16 दिन किसानों को देकर केन्द्र सरकार ढ़िढोरा पीट रहा है। किसानों के आन्दोलन के दौरान किसानों के दमन के खिलाफ मेरे द्वारा सदन में माईक तोड़े जाने का काफी विरोध हुआ लेकिन मै सदन में गूगा बनकर नही बैठ सकता अगर किसान की हड्डी तोड़ी जाएगी तो मै सदन की मेज और माईक तोड़कर विरोध दर्ज कराऊगा। सरकार किसानों के खिलाफ बिल ला रही था वह काला कानून किसानों की खेती पर कब्जा करने की साजिश थी। एमएसपी पर खरीद कम की जा रही है जो आगे भी जारी रहेगी। प्रधानमंत्री जी जब मुख्यमंत्री थे तब वे स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का दावा करते थे लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद उसे भूल गए। जबकि आज स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने किसानों को सड़क पर उतरना चाहिए। मै आपकों, किसान मंच को विश्वास दिलाता हूॅ कि आम आदमी पार्टी आपके साथ है। आम आदमी सरकार रेवड़ी नहीी बॉट रही बल्कि केन्द्र की वित्त मंत्री ने सदन में स्वीकारा कि साढ़े लाख करोड़ बट्टे खाते में डाल दिया गया। यह पैसा मजदूर, किसान, कर्मचारी और आदमी का पैसा अपने पूजीपति मित्रों को बॉट दिया। यह पैसा किसका माफ किया गया उनका नाम बताने को तैयार है।

अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. शेखर दीक्षित ने कहा कि किसानों की ताकत का अन्दाजा शायद अभी केन्द्र सरकार नही लगा पा रही है। लेकिन अब समय आ गया कि किसान अपनी ताकत का आभास सरकार को करा दे। आज आरक्षण की राजनीति सब करना चाहते है लेकिन जिसने आरक्षण को पैदा किया उसकी कोई बॉत नही करना चाहिए। कांग्रेस पीछे जा रही है। भाजपा को भी समय दिया गया लेकिन वह पूंजीपति की गोद में बैठ गए। ऐसे मंे अगर राष्ट्री ीय किसान मंच आम आदमी पार्टी को देख रहा है। आम आदमी पार्टी के बारें में कांग्रेस भाजपा कुछ भी सोचे लेकिन आप चल रही है, इतने कम समय में वह राष्ट्रीय पार्टी बन गई राजनीति में खाली जगह को भरने का काम आम आदमी पार्टी भरने का काम किया है। मृद्दों की बॉत कोई नही करता, किसान के दर्द को समझिये, आम आदमी धर्म और जाति पर बटकर बर्बाद हो रहे है। अधिवेशन में सर्वसम्मति से हुए निर्णय की जानकारी देते हुए उन्होंनेे कहा कि अब किसान भी सदन में जाकर अपनी बॉत पूरे हक से रखे इसके लिए राष्ट्रीय किसान मंच तैयार है।

समय को देखते हुए राष्ट्रीय किसान मंच शीघ्र ही अपनी नई राजनैतिक भागीदारी का खुलासा करेगा। अधिवेशन में सुभाष यादव राष्ट्रीय महासचिव- राष्ट्रीय परिवर्तन दल, अशोक सिंह प्रदेश अध्यक्ष- राष्ट्रीय जनता दल, संजय चन्द्रा वरिष्ठ पत्रकार, मंजूर खां अध्यक्ष- भिनगा फाउंडेशन, पं. विश्वास जी महाराज महन्त कामाख्या देवी गुवहाटी, महन्त गिरीश दास महाराज,कल्बे हुसैन (धार्मिक चिन्तक),अवनीश सलूजा अध्यक्ष- ग्रामीण भारत मिशन, वरिष्ठ नेता- अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, सुनील बाल्मिकी प्रदेश अध्यक्ष बाल्मिकी समाज के साथ कृषि विशेषज्ञों ने सम्बोधित किया।

किसान पंचायत-हरदोई

किसान पंचायत-हरदोई

राष्ट्रीय किसान मंच के अध्यक्ष बोले- किसानों को हमेशा ही सरकार ने अनदेखा किया

हरदोई के सुरसा विकास खंड के दहिगवां बाजार में राष्ट्रीय किसान मंच ने किसान पंचायत सभा का आयोजन किया। जिसमे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने किसानों को जागरूक किया और कहा कि किसानों को हमेशा ही सरकार ने अनदेखा किया है। देश के हर वर्ग ने तरक्की की पर किसान आज भी मूलभूत चीजों के लिए लड़ रहा है। देश में शासन कर चुकी सभी पार्टियों को स्वयं का जिम्मेदार किसानों की इस व्यवस्था के लिए नहीं मानना चाहिए।

शेखर दीक्षित ने कहा कि इसमें कसूरवार किसान भी हैं क्योंकि किसान अपनी फसल के मूल्य और बेहतर भविष्य के लिए कभी वोट नहीं करता। वह जाति और धर्म के नाम पर वोट करता है। इसमें उस भोली-भाली जनता को फंसाने का कार्य राज-नेताओं ने किया। जिन पर वो भरोसा करता रहा।सभी पूंजीपतियों के गुलाम होकर बस गांव के संसाधन बेंच देना चाहते है और गरीब को मरने के लिए ​​​​​​ छोड़ जाते हैं।

किसान अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीखें उन्होंने कहा कि आप अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीखिए। वरना भविष्य आपके बच्चों का अंधकार में ही है। न खेती का मूल्य है और न युवा के लिए रोजगार। किसान प्रधान देश में किसानों की ही हालत सबसे खराब है। कृषि उर्वरकों की कीमत तो बढ़ी ही है। साथ ही वजन घटा कर किसानों पर दोहरी चोट दी गयी।

प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करे सरकार इस वर्ष बारिश न होने के कारण फसलों की सिंचाई में भारी असुविधा हो रही है। मौसम की प्रतिकूलता के साथ नहरों में भी पानी नहीं आ रहा है। खेती सूखाग्रस्त है। सरकार को चाहिए कि प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करने का काम करे।

कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद कार्यक्रम में संगठन मंत्री संजय द्विवेदी, प्रदेश अध्यक्ष अवध अरूण कुमार, प्रदेश महासचिव वेद प्रकाश वाजपेयी, मोहित मिश्रा, महिला प्रदेश अध्यक्ष अवध मधू पांडेय, जिला महासचिव मन्नीलाल जिला उपाध्यक्ष सुधीर कुमार, जिला उपाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।